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EVM: ईवीएम की बर्न मेमोरी की जांच के लिए SOP जारी, अब उम्मीदवारों के पास होंगे खास विकल्प

चुनाव आयोग को हाल ही में हुए लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई ईवीएम की बर्न मेमोरी या माइक्रोचिप्स की जांच अथवा सत्यापन के लिए 11 आवेदन मिले थे। इनमें लोकसभा चुनाव के लिए आठ और विधानसभा चुनाव के लिए तीन सीटें शामिल हैं। अब इन्हीं सब शिकायतों में कमी लाने के लिए चुनाव आयोग ने कड़ा कदम उठाया है।

आयोग ने ईवीएम की बर्न मेमोरी या माइक्रोचिप्स की जांच अथवा सत्यापन के लिए अधिक विकल्पों के साथ तकनीकी एसओपी जारी किया है। अब उम्मीदवारों को किसी भी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी मतदान केंद्र से ईवीएम का चयन करने, किसी भी मतदान केंद्र से ईवीएम इकाइयों (बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट) का मिलान करने, किसी भी क्रम में बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट को जोड़ने और किसी भी क्रम में मॉक पोल में 1400 वोट डालने जैसे विकल्प दिए गए हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि नियंत्रित वातावरण प्रक्रिया के बजाय सी एंड वी प्रक्रिया के लिए आयोग की पसंद और परिणाम-आधारित दृष्टिकोण पारदर्शिता को बढ़ाता है और उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।
 किसी भी मतदान केंद्र से चुन सकते हैं ईवीएम
इतना ही नहीं ईसीआई ने बताया कि उम्मीदवार किसी विधानसभा क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र से ईवीएम चुन सकते हैं। वे विधानसभा क्षेत्र से मतदान केंद्रों या मशीनों की क्रम संख्या का विकल्प दे सकते हैं। इतना ही नहीं, उम्मीदवार सी एंड वी के लिए विधानसभा क्षेत्र में किसी भी मतदान केंद्र से बीयू-सीयू-वीवीपीएटी का मिश्रण और मिलान कर सकते हैं और उम्मीदवार द्वारा चुने गए उस विशेष मतदान केंद्र पर उसी सेट की अन्य इकाइयों को चुनने के लिए बाध्य नहीं हैं। आयोग ने कहा, उम्मीदवार ईवीएम इकाइयों (बीयू-सीयू-वीवीपीएटी) के कनेक्शन के अनुक्रम, मॉक पोल में डाले गए वोटों की संख्या और अनुक्रम तय कर सकते हैं। वे किसी भी क्रम में मॉक पोल में 1400 वोट तक डाल सकते हैं। आयोग द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार मॉक वीवीपीएटी पर्चियों की गणना की जाएगी। 

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