स्मार्ट सिटी योजना के फिर आने की उम्मीद, इस बार पूरा शहर आ सकता है दायरे में
वर्ष 2014 में शुरू केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना चार दिन बाद समाप्त हो जाएगी। हालांकि, इससे पहले ही इसे फिर से लॉन्च करने की तैयारी है। राजधानी में इस बार पूरा शहर इसके दायरे में आने की उम्मीद है। योजना को लेकर बृहस्पतिवार को दिल्ली में बुलाई गई विशेष बैठक में शामिल होने के लिए स्मार्ट सिटी के अफसर भी गए हैं।
योजना के तहत 100 शहरों को अपने इलाकों को चुनकर उन्हें पानी, सफाई, सीवर, बिजली, परिवहन सहित सभी सुविधाओं के लिहाज से मॉडल बनाना था। राजधानी में 813 एकड़ क्षेत्रफल में योजना लागू की गई, जिसे एबीडी (एरिया बेस्ड डवलपमेंट) क्षेत्र कहते हैं। इसमें कैसरबाग, हुसैनगंज के बाईं ओर का क्षेत्र, शिवाजी मार्ग, लाटूश रोड, बर्लिंग्टन चौराहे से बाईं ओर कैंट रोड, बीएन रोड, लालबाग, नॉवेल्टी, भोपाल हाउस, हलवासिया, परिवर्तन चौक, हाईकोर्ट, डीएम कार्यालय, राजस्व परिषद, रेजीडेंसी चौराहा और उससे बाएं रीवर बैंक कॉलोनी व उसके पास का इलाका आता है। इन क्षेत्रों में ही योजना के तहत काम कराए गए। ऐेसे में अन्य इलाकों को भी योजना में शामिल करने की लगातार मांग उठी। पूर्व शहरी विकास मंत्री कौशल किशोर ने भी दो साल पहले मांग को उठाया और कहा था कि वे इसके लिए प्रयास करेंगे। शहरवासी व पार्षद पूरे शहर तक योजना का दायरा करने की मांग करते रहे हैं।अमृत मिशन योजना वर्ष 2014 में लॉन्च हुई थी। लखनऊ वर्ष 2016 में फास्ट ट्रैक राउंड में चुना गया। यहां के लिए करीब 2100 करोड़ की योजनाएं बनीं। इनमें से ज्यादातर अमृत मिशन व अन्य योजनाओं से मिलने वाले बजट से पूरी की जानी थी। इसके अलावा 850 करोड़ की योजनाओं का काम केंद्र और राज्य सरकार से योजना को लेकर मिलने वाले बजट से हुआ।