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हैदराबाद: पीएम मोदी ने की ICRISAT के स्वर्ण जयंती समारोह की शुरुआत

हैदराबाद के पतनचेरु में पीएम मोदी ने आीसीआरआईएसएटी की 50वीं वर्षगांठ के समारोह की शुरुआत की। इसके साथ ही उन्होंने संस्थान के प्लांट प्रोटेक्शन एंड रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट फैसिलिटी पर जलवायु परिवर्तन रिसर्च फैसलिटी का उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री ने एक इस मौके पर एक स्मारकीय टाक टिकट भी जारी किया। यहां प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्थान को अन्य देशों में कृषि को आसान और सतत बनाने के लिए मदद करने में पांच दशक का अनुभव है। आज, मुझे उम्मीद है कि वह भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ने साल 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु की चुनौतियों से किसानों को बचाने के लिए हमें मूल बातों को ध्यान में रखने के साथ भविष्य की ओर बढ़ना है। हमारा ध्यान देश के 80 फीसदी से अधिक छोटे किसानों पर है जिन्हें हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। हम इन्हें हजारों कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में संगठित करके बड़ी ताकत बनाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि इस बार का आम बजट प्राकृतिक और डिजिटल कृषि पर आधारित है। उन्होंने डिजिटल कृषि को भारत का भविष्य बताते हुए कहा कि देश के प्रतिभावान युवा इस क्षेत्र में बेहतरीन काम कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी से कैसे हम किसान को सशक्त कर सकते हैं, इसके लिए प्रयास लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रो प्लेनेट पीपल’ एक ऐसा आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हर व्यक्ति और समुदाय को जिम्मेदारी से जोड़ता है। उन्होने कहा कि यह सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है बल्कि भारत सरकार के कामों में भी दिखता है। पीएम ने कहा कि इस बार बजट में प्राकृतिक और डिजिटल कृषि पर जोर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम मोटे अनाज का दायरा बढ़ाने के साथ रसायन मुक्त कृषि पर जोर दे रहे हैं। सोलर पंप से लेकर किसान ड्रोन तक आधुनिक प्रौद्योगिकी को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नदियों को जोड़कर बड़े क्षेत्र को सिंचाई के दायरे में लाने और कम सिंचित क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई पर जोर देने की दोहरी रणनीति पर काम हो रहा है।

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